बड़ी बुरी खबर है मेरे लिए – National Innovation Foundation India के लोग मुझसे बहुत ही ज्यादा परेशान हैं ! --- अब इसमें मेरे जेसा आदमी कर
भी क्या सकता है , जब आप एक इन्नोवेटर को प्रॉब्लम मेकर बना लें तो ! जिन 4 आविष्कारो को National Innovation Foundation India ने साफ़ साफ़ मना कर दिया था – पेटेंट के लायक नहीं हैं , उनको मेने खुद
फ़ाइल किया और चारों ग्रांट हूए ! इक आठवी पास इंसान से और क्या उम्मीद की जाए ?
भारत में पहले तो ऐसा किसी ने प्रयास किया
नहीं – और हूआ भी तो --- अन्धो में काना राजा वाला हाल है ! और कमाल की बात ये है
की National Innovation
Foundation India के लोग घबराते हैं मुझसे , ये NIFINDIA के ही लोगो ने
बताया मुझको , वैसे मुझसे ज्यादा वो सब प्रोफ़ेसर अनिल गुप्ता जी से घबराते हैं –
भय्या नोकरी और दाल रोटी बचानी है उनको – अपना क्या है – अपने को तो वैसे भी नहीं
मिलती !
अब जिस संस्था में इस तरह से काम होता हो –
हाँ जी – हाँ जी – यस सर – यस सर – वंहा मेरे जेसे ठीक को ठीक और गलत को गलत और वो
भी साफ़ और कुछ ज्यादा ही स्पष्ट तरीके से कहने वाले को क्यूऊ पूंछेंगे ? पिछले कुछ
सालो से National
Innovation Foundation India ने कभी सुध नहीं
ली हमारी , दिल्ली में रहता हूँ और दिल्ली के ही किसी भी कार्यक्रम में मुझे नहीं
बुलाया जाता , जन्हा की मैं खुद अपनी जेब के पैसे खर्च करके उपलब्ध हो सकता हूँ ! ना जाने कितने
प्रोटोटाइप बनाये मेने – पर आज तक इस मद में चवन्नी भी नहीं मिली ! 2009 जनवरी या फरवरी
में TePP से DST की कमिटी ने मेरे तूथ्ब्रुष के लिए कुछ लाख रूपया पास किया था , अप्लाई
किया था NIFINDIA ने ---- अब तक नहीं मिला --- इंतज़ार में हूँ !
पता नहीं मेरे 15 या 16 स्वीक्रत
आविष्कार लिए निफ क्यूं मुझसे खफा है ? और कई तो उनमे सो काल्ड लाइफ सेविंग हैं ! अब हाँ जी – हाँ जी और यस सर – यस सर – करना
अपने बस का तो है नहीं – और अगर आप इतिहास उठा कर देखें तो जो वास्तव में काम करने
वाले लोग थे – NIFINDIA में या ज्ञान में – सब छोड़ कर जा लिए ! क्यूंकि NIFINDIA में तो एक ही इंसान
काफी है काम करने को – प्रोफ़ेसर साहेब !
मैं सन 2000 का जूडा आविष्कारक आज 12 साल बाद भी अगर
दाल रोटी को मरहूम है – और मेरे आविष्कारों की तमाम फाइलें दबा दी गयी हैं तो इक लाइन
याद आती है ---- “ मेरा कातिल ही मेरा
मुंसिफ है , क्या मेरे हक में फेसला देगा “
आपका घास फूस के लेवल वाला
अगस्त्य